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भारतीय ज्योतिष में मंगल ग्रह का महत्व

Writer's picture: Astrologer Rajni KapoorAstrologer Rajni Kapoor

भारतीय ज्योतिष में मंगल ग्रह को शक्ति, ऊर्जा और साहस का प्रतीक माना जाता है। इसे ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण ग्रह माना गया है जो व्यक्ति के जीवन पर गहरा प्रभाव डालता है। मंगल ग्रह को 'मंगल' या 'कुज' भी कहा जाता है और इसे लाल ग्रह के नाम से जाना जाता है।


मंगल का स्वभाव

मंगल एक उग्र और क्रियाशील ग्रह है, जो व्यक्ति में साहस, आत्मविश्वास और प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। यह ग्रह युद्ध, भूमि, शौर्य, मैकेनिकल और तकनीकी कार्यों, और साहसिक गतिविधियों का प्रतिनिधित्व करता है। मंगल का प्रभाव व्यक्ति को नेतृत्व क्षमता, निर्णय लेने की शक्ति, और स्वतंत्रता की भावना प्रदान करता है।


विभिन्न भावों में मंगल का प्रभाव


प्रथम भाव (लग्न):

- मंगल का प्रथम भाव में स्थित होना व्यक्ति को साहसी, आत्मविश्वासी और उर्जावान बनाता है। यह व्यक्ति शारीरिक रूप से मजबूत और सक्रिय होता है।

द्वितीय भाव:

- इस भाव में मंगल का होना आर्थिक मामलों में उतार-चढ़ाव ला सकता है। व्यक्ति को धन-संपत्ति के मामले में सतर्क रहना चाहिए।

तृतीय भाव:

- यह स्थिति व्यक्ति को साहसी और दृढ़ संकल्पी बनाती है। यह व्यक्ति छोटे भाई-बहनों के साथ अच्छे संबंध रखता है और उनमें नेतृत्व क्षमता होती है।

चतुर्थ भाव:

- मंगल का चतुर्थ भाव में होना गृह जीवन में अशांति ला सकता है। यह स्थिति माता के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव डाल सकती है।

पंचम भाव:

- इस भाव में मंगल का प्रभाव व्यक्ति को रचनात्मक, उद्यमी और साहसी बनाता है। संतान संबंधी चिंताएं हो सकती हैं।

षष्ठ भाव:

- यह स्थिति व्यक्ति को विरोधियों पर विजय दिलाती है और प्रतियोगिताओं में सफलता प्राप्त होती है। स्वास्थ्य में सुधार होता है।

सप्तम भाव:

- मंगल का सप्तम भाव में होना विवाह जीवन में संघर्ष ला सकता है। यह स्थिति मांगलिक दोष को भी जन्म देती है, जिससे विवाह में देरी या समस्याएं हो सकती हैं।

अष्टम भाव:

- इस भाव में मंगल का होना व्यक्ति के जीवन में अचानक परिवर्तन ला सकता है। यह व्यक्ति के जीवन में रहस्य और गुप्त ज्ञान की ओर आकर्षण पैदा करता है।

नवम भाव:

- यह स्थिति व्यक्ति को धार्मिक और आध्यात्मिक गतिविधियों में सक्रिय बनाती है। व्यक्ति उच्च शिक्षा और लंबी यात्राओं में रुचि रखता है।

दशम भाव:

- मंगल का दशम भाव में होना व्यक्ति को करियर में सफलता और उन्नति दिलाता है। यह स्थिति व्यक्ति को नेतृत्वकर्ता बनाती है।

एकादश भाव:

- इस भाव में मंगल का प्रभाव व्यक्ति को धन-संपत्ति और सामाजिक प्रतिष्ठा दिलाता है। यह व्यक्ति को मित्रों और सहयोगियों से लाभ प्राप्त होता है।

द्वादश भाव:

- मंगल का द्वादश भाव में होना खर्चों में वृद्धि और विदेश यात्राओं की संभावना को दर्शाता है। व्यक्ति को अपने खर्चों पर नियंत्रण रखना चाहिए।


विभिन्न राशियों में मंगल का प्रभाव


मेष और वृश्चिक राशि (स्वग्रही):

- मंगल का इन राशियों में होना व्यक्ति को अत्यधिक ऊर्जा और आत्मविश्वास प्रदान करता है। यह व्यक्ति महत्वाकांक्षी और क्रियाशील होता है।

मकर राशि (उच्च का):

- यह स्थिति मंगल को अत्यधिक शक्ति और सकारात्मक प्रभाव देती है। व्यक्ति को करियर में उच्च सफलता और समाज में मान-सम्मान प्राप्त होता है।

कर्क राशि (नीच का):

- मंगल का कर्क राशि में होना व्यक्ति के आत्मविश्वास और साहस को कम कर सकता है। यह स्थिति मानसिक तनाव और परिवारिक समस्याओं को बढ़ा सकती है।


मंगल ग्रह का स्थान और उसकी स्थिति व्यक्ति के जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यह ग्रह व्यक्ति के साहस, आत्मविश्वास, करियर, और जीवन की चुनौतियों को प्रभावित करता है। ज्योतिष में मंगल की स्थिति का विश्लेषण करके व्यक्ति अपने जीवन में आने वाली संभावित चुनौतियों और अवसरों को समझ सकता है और तदनुसार तैयारी कर सकता है।


व्यक्तिगत परिणामों के लिए, कृपया एक ज्योतिषी से परामर्श करें ताकि आपको विस्तृत और व्यक्तिगत रीडिंग मिल सके।


सादर,

ज्योतिषी रजनी कपूर


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